Guidelines in place to monitor play schools: Delhi govt to HC
Ajay Gautam Foundation is a non-profit, non-governmental committed organization working nationwide for the protection of the environment, the rights of the people to clean and fresh water and air, the promotion of sustainable development, and the protection of the cultural heritage of India. We are completely a Non-Profitable Organization and wholly working towards social cause and Animal Care.
“ पर सेवा- सहायता ही सर्वोच्च धर्म है “ इस वाक्य को जीवन का लक्ष्य मानकर ही हम आगे कार्य कर रहे हैं
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों पर 5000 से ज्यादा टीवी शो और डिबेट, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय किताबों में इंटरव्यू प्रकाशित, कई डॉक्युमेंट्रीज, एक दशक से ज्यादा से सामाजिक कार्यों के लिए सक्रिय भूमिका निभाता आ रहा हूं, वह चाहे शासन, प्रशासन और न्यायपालिका के माध्यम से हो या टीवी जगत के माध्यम से या आंदोलन की भूमिका से , जिस समय पर जो विषय आवश्यक लगा परिस्थिति अनुसार कार्य किया तथा उसमे सफलता प्राप्त करी
वर्ष 2013 की हिमालय सुनामी में आदि शंकराचार्य जी की जो समाधि केदारनाथ मंदिर के पास बह गई थी ऐसे में हमने जनहित याचिका ( PIL ) no. 183/2018 उत्तराखंड उच्च न्यायालय में दाखिल कर उसकी दुबारा स्थापना करवाई जिसका उद्घाटन व् मूर्ति का अनावरण माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 5 नवंबर 2021 को किया तथा उसमें परंपरा अनुसार शिवलिंग व अन्य विषय को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में अपील जल्दी दाखिल करी जा रही है.
राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश व् अन्य कई राज्यों में जब हजारों गौ माताओं, गोवंश की मृत्यु के बाद हमने दिल्ली हाईकोर्ट के अंदर जनहित याचिका नंबर 14115/ 2022 दाखिल करी तथा 11 हेल्पलाइन नंबर 11 डिस्ट्रिक्ट के अंदर वेटरनरी डॉक्टर की टीम लंम्पी वायरस से गौ माता के शरीर छोड़ने के पश्चात बिना अंगभंग करें सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार कराने के लिए साउथ वेस्ट दिल्ली छावला, गौ सदन के हिस्से में भूमि का आवंटन करवाया.
16 और 17 जून 2013 को आई आपदा जिसमें रामबाड़ा और गौरीकुंड पूरी तरह खत्म हो गए, केदारनाथ में मंदिर के अलावा सब उजड़ गया, मरने वालों की संख्या 10000 से ज्यादा, 3322 से ज्यादा लापता , लावारिस शवो की पहचान करा सेकड़ो शवो का विधीवत अंतिम संस्कार करवाया, अंतिम संस्कार नवम्बर 2020 में आपदा के ७ साल बाद तक करवाया जिसके लिये जनहित याचिका नंबर 45/201९ और 85/2014 उत्तराखंड हाई कोर्ट में दाखिल करी और 8 वर्ष की लंबी कानूनी लड़ाई लडी.
2013 की हिमालय सुनामी के पश्चात जब यह साबित हो गया कि राज्य सरकार का तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं एवम उनकी आपदा से निपटने की तैयारी निम्न स्तरीय है तब जनहित याचिका नंबर 146/2014 और 52/2015 उत्तराखंड उच्च न्यायालय में दाखिल कर जोशीमठ, नैनीताल, सुनंदा देवी अन्य जगहों पर एडवांस वार्निंग सिस्टम और वेदर डॉपलर रडार स्थापित करवाएं ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में लोगों को सचेत किया जा सके इसके अलावा मोबाइल पर SMS के द्वारा मौसम की जानकारी देने की व्यवस्था भी करवाई.
On 21st December 2012, Akbaraddin Owaisi MLA from A.I.M.M. disregarded not only Hindu Gods and deities they threatened to launch a war against Hindus and integrity of India and they went on the extent that take the Police for just 15 minutes and you would find who rules the country. It is a different _ that the Police was taken off for just 5 minutes in Gujrat for which Muslims still cry. It is interesting to note when the matter was moved before the Court this Shekh chilli made as statement before the Court that he was under the influence of a Jinn and Jinn that Jinn made him to that. In this regard _ (H.H.) filed a case u/s. 156/3 of Cr.P.C.
Guidelines in place to monitor play schools: Delhi govt to HC
Restore Samadhi Of Adi Shankracharya Ji Within A Year: Uttarakhand HC Directs State [Read Order]